Mousum Update: IMD ने जारी किया नया हाई अलर्ट, इन राज्यों में भारी बारिश के आसार, मानसून पर भी बड़ा अपडेट

Mousum Update: यह एक संभावित चक्रवातीय प्रणाली (low pressure → depression → cyclone) बनने की स्थिति है जो बंगाल की खाड़ी से बढ़कर ओडिशा / आंध्र प्रदेश तटों को प्रभावित कर सकती है।

नीचे इस स्थिति का विश्लेषण एवं सुझाव दिए हैं:

 वर्तमान स्थिति (IMD / मौसम विभाग का दृष्टिकोण)

  • IMD की वेबसाईट पर “Cyclone” सेक्शन मौजूद है जहाँ ताज़ा साइकलोन / निम्न दबाव की जानकारी दी जाती है।
  • बंगाल की खाड़ी पर “Depression over West-Central Bay of Bengal” की सूचना है, जो धीरे-धीरे उत्तरोत्तर बढ़ रही है।
  • IMD के प्रेस बुलेटिन में यह बताया गया है कि यह depression आज देर रात तक “Deep Depression” में परिवर्तित हो सकती है और संभवत: ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश तटों पर पहुँच सकती है।
  • इसके अलावा, PIB ने भी सूचना दी है कि सेंट्रल एवं उत्तर-बे एरिया में हवाएँ 50–60 किमी/घंटा तक पहुंचने की संभावना है और 70–80 किमी/घंटा तक झोंके हो सकते हैं।

इसका मतलब यह है कि आपके वर्णन में जो चक्रवात का तेज़ी से विकास और तट प्रहार की संभावना बताई गई है, वह वाकई मौसम विभाग की भविष्यवाणी से मेल खाती है — हालांकि आपके बताए “63 किमी/घंटा” तथा “75 किमी/घंटा” की संख्या मुझे अभी ऐसे भरोसेमंद स्रोतों में नहीं मिली।

संभावित जोखिम एवं सावधानियाँ

यदि यह चक्रवात तट से टकराता है या पास से गुज़रता है, तो निम्न समस्याएँ हो सकती हैं:

  1. भारी वर्षा / बाढ
    तटीय व अंदरूनी इलाकों में अचानक बाढ़ आ सकती है, नदियाँ उफान पर आ सकती हैं।
  2. तूफानी हवाएँ
    60–80 किमी/घंटा की हवाएँ बिजली के खंभे गिरा सकती हैं, पेड़ उखड़ सकते हैं, छतों को नुकसान हो सकता है।
  3. समुद्री जलोन्नति (storm surge)
    तटवर्ती इलाकों में समुद्र का स्तर बढ़ सकता है, जिससे सामुदायिक स्तर पर क्षति हो सकती है।
  4. यातायात एवं संचार बाधित होना
    सड़कों और राजमार्गों पर फसल जलभराव, मुरझाए पुल या मार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं।
  5. मानव जनित प्रभावित
    कृषि पर प्रभाव, रहने योग्य स्थानों पर परेशानी, बिजली / जल आपूर्ति बाधा हो सकती है।

 क्या करना चाहिए — सुझाव एवं तैयारी

  • अधिकारियों की घोषणाओं पर ध्यान दें — राज्य / जिला प्रशासन और IMD से जारी अलर्ट देखें।
  • तटीय इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण यदि प्रशासन ने निर्देश दिए हों।
  • निचले इलाकों और नदी किनारों से दूरी रखें — बाढ़ व जलभराव का खतरा हो सकता है।
  • इमरजेंसी किट तैयार रखें — खाने, पीने का पानी, दवाइयाँ, टॉर्च, मोबाइल चार्जर आदि।
  • संपर्कसूची तैयार रखें — जिला आपदा नियंत्रण, पुलिस, स्वास्थ्य, बिजली विभाग आदि।
  • बिजली उपकरणों को सुरक्षित करें — अतिरिक्त बिजली कनेक्शन, खंभे आदि कमजोर हो सकते हैं।
  • समाचार / मौसम अपडेट्स नियमित देखें — ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

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