Haryana CET Result: हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) द्वारा बताया गया है कि OCT 2025 में नतीजा जारी किया जाएगा।एक समाचार के अनुसार CET का परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है और हाईकोर्ट में एक मामला दर्ज है जिसमें CET परिणाम के सामान्यीकरण (normalisation) प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।कुछ वेबसाइटों का अनुमान है कि परिणाम OCT अंतिम सप्ताह या NOV के पहले सप्ताह में आ सकता है।
रिजल्ट लेट होने की वजह
- तकनीकी खामियाँ – परीक्षा तो सफलतापूर्वक पूरी हो गई थी, लेकिन रिजल्ट तैयार करते समय सिस्टम और डेटा प्रोसेसिंग में तकनीकी दिक्कतें आईं।
- आंसर की विवाद – कई अभ्यर्थियों ने आंसर की पर सवाल उठाए और आपत्तियाँ दर्ज कीं। इन्हें जाँचने और सुधारने में लंबा समय लग गया।
- कानूनी अड़चनें – कई छात्रों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिससे रिजल्ट पर रोक जैसी स्थिति बन गई और प्रक्रिया और धीमी हो गई।
हाई कोर्ट का फैसला
- जल्दी रिजल्ट जारी करने का निर्देश – पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने HSSC को कहा है कि रिजल्ट में अब और देरी न की जाए, क्योंकि अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर है।
- समय-सीमा में परिणाम – कोर्ट ने आदेश दिया है कि आगे से सभी रिजल्ट तय समय-सीमा में घोषित हों।
- CET रिजल्ट की डेडलाइन – मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने संकेत दिया है कि हरियाणा CET 2025 का रिजल्ट अक्टूबर 2025 के आखिर तक जारी कर दिया जाए।
मुझे अब तक ऐसा कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं मिला है जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ठीक उसी तरह निर्णय दिया हो जैसा आपने बताया — यानी “रिजल्ट समय पर घोषित करना चाहिए आदि” — जैसा आपने वर्णित किया है।
हालाँकि निम्नलिखित असली समाचार और हाई कोर्ट की कार्रवाइयाँ मौजूद हैं, जो इस पूरे मामले से संबंधित हैं:
- नार्मलाइज़ेशन विवाद और याचिकाएँ
CET के मल्टी-शिफ्ट एग्जाम में “नार्मलाइज़ेशन” (विभिन्न शिफ्टों के स्तर का संतुलन) की प्रक्रिया पर कई याचिकाएँ दायर की गई हैं। कोर्ट ने इस प्रक्रिया की वैधता पर सुनवाई की है। - असामान्य आरोप और जांच
हाई कोर्ट में यह आरोप सामने आए हैं कि एक हाई कोर्ट कर्मचारी ने उम्मीदवारों से पैसा लेकर मुकदमे को “संभालने” का वादा किया है। इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और संबंधित सामग्री को रजिस्ट्रार जनरल को भेजने का आदेश दिया गया है। - अधिकारियों को निर्देश देने की प्रवृत्ति
कोर्ट ने पहले भी HSSC को निर्देश दिए हैं जैसे कि कुछ मामलों में एडमिट कार्ड ई-मेल करने का आदेश।
इसके अलावा, कोर्ट ने यह कहा है कि लोकहित कारणों से निर्णयों में देरी नहीं होनी चाहिए — हालांकि, एक स्पष्ट आदेश “अक्टूबर अंत तक रिजल्ट लाओ” जैसा आदेश मैंने अभी तक नहीं देखा है। - एनसर्स की समीक्षा और न्यायिक नियंत्रण
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यदि आकलन प्रक्रिया में “grave error” हो (बहुत स्पष्ट गलती), तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए — न्यायालय को हस्तक्षेप करने का अधिकार होगा।