करवा चौथ 2025: इस साल कब निकलेगा चांद? जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का सटीक समय और शुभ मुहूर्त

साल 2025 का करवा चौथ बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस बार 200 सालों बाद एक अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। वहीं कई स्थानों पर कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत करती हैं।

करवा चौथ 2025 की तिथि और शुभ योग

इस वर्ष चौथ तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से होगा और समापन 10 अक्टूबर की शाम 7:37 बजे पर होगा। चूंकि उदया तिथि 10 अक्टूबर को प्राप्त हो रही है, इसलिए करवा चौथ का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव वास योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:41 बजे तक रहेगा, जो किसी भी नए कार्य के आरंभ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शिव वास योग में भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इससे पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और सौहार्द बना रहता है।

पूजा और व्रत का शुभ मुहूर्त

करवा चौथ के दिन पूजा का सबसे शुभ समय शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। यह अवधि चौथ माता की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दौरान महिलाएं मिट्टी के करवे में जल भरकर माता पार्वती, भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। पूजा के बाद चांद के दर्शन कर पति की लंबी आयु की कामना की जाती है।

आपके शहर में कब दिखेगा चांद

चंद्रोदय का समय हर राज्य और शहर में कुछ मिनटों का अंतर लेकर आता है। राजधानी दिल्ली और नोएडा में चांद रात 8:14 बजे दिखाई देगा। मुंबई में चांद 8:55 बजे और गुजरात के अहमदाबाद में 8:47 बजे निकलेगा। कोलकाता में सबसे पहले शाम 7:41 पर चांद दिखाई देगा। चंडीगढ़ में 8:08, लखनऊ में 8:02, भोपाल में 8:26, पटना में 7:48 और रायपुर में 8:01 बजे चांद उदय होगा। यदि आप इन शहरों के आसपास रहते हैं तो आपके क्षेत्र में भी लगभग यही समय रहेगा, केवल कुछ मिनट का अंतर हो सकता है।

करवा चौथ का धार्मिक और सामाजिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती ने भगवान शिव के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। इसी तरह से इस तिथि का संबंध भगवान गणेश और माता गौरी से भी जुड़ा है। इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और दंपत्ति के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर विधि-विधान से पूजा करती हैं और अपने सुहाग की दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।

निष्कर्ष

करवा चौथ 2025 न केवल व्रत और पूजा का दिन है बल्कि यह प्रेम, त्याग और विश्वास का प्रतीक भी है। इस साल बनने वाले शुभ योग इसे और भी खास बना रहे हैं। जब रात के आकाश में चांद चमकेगा और महिलाएं छलनी से दर्शन करेंगी, तो वह दृश्य हर भारतीय परिवार के लिए मंगलमय होगा। इस पवित्र पर्व की सभी सुहागिन महिलाओं को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रदेव की कृपा आपके परिवार पर सदैव बनी रहे।

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